Saturday, May 26, 2007

साकी से नफरत करते हैं कैसे उसने सिखाया था..........

इश्क का जाम पिलाने उसने
मैखाने बुलाया था !
साकी से नफरत करते है कैसे
सिखाने बुलाया था !!

याद रखा प्यार मैंने पर मुझे
उसने भुलाया था !
दुश्मन ना सोचे इतना मुझे
उसने रुलाया था !!

हसीं सपनो की छाँव में मुझे
उसने सुलाया था !
धोखे फरेब के झूले में मुझे
उसने झुलाया था !!

इश्क के गम को पीने के लिए
उसने बुलाया था !
साकी से नफरत करते हैं कैसे
उसने सिखाया था !!

Saturday, May 19, 2007

पर वो चांदनी नहीं........


धड़कन है साँसे हैं ,

पर वो जिन्दगी नहीं

मेरा चांद आज मेरे साथ है,
पर वो चांदनी नहीं



मुद्दत से चाहा है उनको,
कभी छीना भी नहीं
नशे में गम को भुला दे,
ऐसा वफाई सीना भी नहीं




तनहा रहे थे महफिले-जहाँ में,
कोई जश्न आज भी नहीं
मेरा चांद आज भी मेरे साथ है ,
पर वो चांदनी नहीं

Friday, May 18, 2007

हाले दिल




वो पीने वाला ही क्या जो छुपा के पीये,
जीता है वही सदा जो जता के पीये!
जामे गम में पानी तो सभी मिला के पीते हैं,
कोई मेरा हाले-दिल भी तो मिला के पीये!!