Saturday, May 19, 2007

पर वो चांदनी नहीं........


धड़कन है साँसे हैं ,

पर वो जिन्दगी नहीं

मेरा चांद आज मेरे साथ है,
पर वो चांदनी नहीं



मुद्दत से चाहा है उनको,
कभी छीना भी नहीं
नशे में गम को भुला दे,
ऐसा वफाई सीना भी नहीं




तनहा रहे थे महफिले-जहाँ में,
कोई जश्न आज भी नहीं
मेरा चांद आज भी मेरे साथ है ,
पर वो चांदनी नहीं

2 comments:

husain said...

kitna dard he re tere dil mei....................................

Unknown said...

I M ENTHRILLED BHAI
SUPERB, AWSOME ,VERY ROMANTIC